☪ Jashn e Eid Milad Un Nabi ☪
किसी भी शै की तमन्ना ही नहीं हमको जमाने में,
मदीना ही लिख दिया जाए हमारे अबे दाना में,
》⍟☆⍣ Jashn e Eid Milad Un nabi ⍣☆⍟《
या रब नजरों को कुछ ऐसी बिनाई दे,
जिधर देखूँ मुझे मदीना दिखाई दे,
काश ऐसी रवानी हो आज हवाओं में,
नबी पे सलाम पढूँ और जवाब मुझे सुनाई दे,
वो अर्श का चांद है मैं कदमो की धूल,
ऐ जिंदगी गवाह रहना मैं हूँ आशिके रसूल,
की मोहम्मद से वफ़ा तू ने तो हम तेरे हैं,
ये जहाँ चीज है क्या लौहो कलम तेरे हैं,
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